अब धोखाधड़ी नहीं, पारदर्शिता से चलेगा हाउसिंग सेक्टर!
अब राजस्थान में क्रेडिट और हाउसिंग सोसायटीज़ के लिए एक नया रेगुलेटरी बॉडी बनने जा रहा है! इसका सीधा मतलब है कि अब हाउसिंग सोसायटी बिना रजिस्टर्ड डीड के ज़मीन नहीं खरीद-बेच सकेंगी. जी हाँ, आपने सही सुना – कैश में लेन-देन पर भी पूरी तरह रोक लग गई है! यह एक गेम चेंजर साबित हो सकता है!
क्यों ज़रूरी था यह कदम?
दरअसल, सहकारिता के नाम पर कई जगह गलत इस्तेमाल और धोखाधड़ी की शिकायतें मिल रही थीं. पिछले 24 सालों में राजस्थान के सहकारिता कानून में 29 संशोधन हो चुके थे, फिर भी पारदर्शिता की कमी थी. अब "राजस्थान को-ऑपरेटिव सोसायटीज़ बिल 2025" (जो कि जल्द ही आने वाला है) इन सभी समस्याओं का समाधान करेगा.
नए बिल की खास बातें जो आपको जाननी चाहिए:
धोखाधड़ी पर लगाम: क्रेडिट और हाउसिंग सोसायटीज़ को धोखाधड़ी से रोकने के लिए कड़े नियम बनाए गए हैं.
निवेश में आसानी: अब आप कोऑपरेटिव सोसायटीज़ में 25% तक निवेश कर सकेंगे, जबकि पहले 100% निवेश सरकार का होता था.
कारोबार में आज़ादी: सोसायटीज़ अब कहीं भी आउटलेट खोल सकेंगी, बस उत्पाद उसी जगह से संबंधित होना चाहिए. पहले ये सिर्फ अपने क्षेत्र में ही आउटलेट खोल पाती थीं.
'सहकारी' शब्द का दुरुपयोग नहीं: 'सहकारी' शब्द के गलत इस्तेमाल पर ₹50,000 तक का जुर्माना लग सकता है.
आसान प्रक्रिया: सदस्य न तो सरकारी कर्मचारी होंगे, न फर्म या कंपनियां. रजिस्ट्रेशन फॉर्म अब WhatsApp या ई-मेल से भी जमा किए जा सकेंगे.
तेजी से काम: 30 दिन में निर्णय नहीं हुआ तो आवेदन मंज़ूर मान लिया जाएगा.
पारदर्शिता और जवाबदेही: सोसायटीज़ मार्केटिंग कंपनियों के साथ पार्टनरशिप कर सकेंगी. गड़बड़ी के मामलों में कार्रवाई के नियम वापस लाए गए हैं. नोटिस भी अब WhatsApp या ई-मेल पर भेजे जा सकेंगे.
रजिस्ट्रार के अधिकार सीमित: रजिस्ट्रार को अधिकारियों को हटाने या निर्देश देने का अधिकार इस बिल में नहीं दिया गया है, जो एक बड़ा बदलाव है.
सहकारिता मंत्री गौतम दक का क्या कहना है?
राजस्थान के सहकारिता मंत्री गौतम दक जी ने बताया, "पांच राज्यों की पॉलिसी का अध्ययन कर को-ऑपरेटिव कोड बना रहे हैं. सहकारिता को मजबूत करने, इससे जुड़े लोगों के हित को ध्यान में रखकर काम किया गया है. कई चीजों में सुधार करने की आवश्यकता थी, वो भी हुए हैं."
यह स्पष्ट है कि सरकार सहकारिता क्षेत्र में पारदर्शिता लाने और आम लोगों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है. यह नया बिल राजस्थान के हाउसिंग और क्रेडिट सेक्टर में एक नई क्रांति ला सकता है, जिससे धोखाधड़ी कम होगी और लोगों का विश्वास बढ़ेगा.
तो दोस्तों, यह था राजस्थान के इस महत्वपूर्ण बदलाव के बारे में. मुझे उम्मीद है कि आपको यह जानकारी अच्छी लगी होगी. आइए हम सब मिलकर एक पारदर्शी और सुरक्षित भविष्य की ओर बढ़ें!
आपको यह नया बिल कैसा लगा, अपनी राय कमेंट्स में ज़रूर बताएं!
#RajasthanNews #HousingSector #RealEstateIndia #CooperativeSociety #Transparency #DigitalIndia #राजस्थान #घरखरीदना #प्रॉपर्टीन्यूज़ #सहकारिता #नयेनियम #FraudProtection #nitesh_meemrot #sarkarorojgars #YojanaVaani #bhaya #ssonews #SSO #SSOPORTAL #SSOID #SSOID #SSOLOGIN
Category's
- Admission School-Colleges 5
- My Blogs 12
- Sports 4
- Top News 24
- Govt. Jobs 40
- Sarkari Yojana- Govt. Scheme 22
- SSO Portal 6